Sugarcane And Onion Farming – जानिए कैसे गन्ने और प्याज की संयुक्त खेती से किसानों को कई फायदे होते हैं

गन्ने के साथ प्याज की खेती एक स्मार्ट खेती तकनीक है, जो किसानों को अपनी आय दोगुनी करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करती है। इस तकनीक में गन्ने के साथ प्याज की सहफसली खेती की जाती है, जिससे भूमि और संसाधनों का अधिकतम उपयोग होता है।

गन्ना एक लंबी अवधि की फसल है, जबकि प्याज जल्दी तैयार होने वाली फसल है। इस प्रकार की खेती से न केवल आर्थिक लाभ होता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी होती है।ग

यह न केवल उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि लागत को भी कम करता है। इस लेख में हम गन्ने के साथ प्याज की खेती के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, जिसमें उपयुक्त किस्में, उत्पादन क्षमता, लाभ और खेती की विधियाँ शामिल हैं।

गन्ने के साथ प्याज की खेती

गन्ने के साथ प्याज की सहफसली खेती करने से किसानों को कई फायदे मिलते हैं। इस प्रकार की खेती से न केवल उपज में वृद्धि होती है, बल्कि किसानों को बेहतर आर्थिक स्थिति भी मिलती है। आइए जानते हैं इस तकनीक के बारे में विस्तार से।

गन्ने और प्याज की सहफसली खेती के लाभ

  • उच्च उपज: गन्ने के साथ प्याज उगाने से प्रति हेक्टेयर 80 से 100 क्विंटल प्याज की उपज प्राप्त हो सकती है।
  • कम लागत: गन्ने और प्याज दोनों फसलों की देखभाल एक साथ करने से संसाधनों का बेहतर उपयोग होता है।
  • जलवायु अनुकूलता: यह तकनीक विभिन्न जलवायु स्थितियों में सफलतापूर्वक लागू की जा सकती है।
  • रोग प्रतिरोधक किस्में: आधुनिक किस्मों में रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता होती है, जिससे किसानों को कीटनाशकों पर खर्च कम करना पड़ता है।

प्याज की उपयुक्त किस्में

गन्ने के साथ उगाने के लिए कुछ विशेष प्याज की किस्में निम्नलिखित हैं:

किस्म का नामउपज (टन/हेक्टेयर)पकने का समय (दिन)विशेषताएँ
एग्री फाउंड30-32100-120मीठा स्वाद, लंबे समय तक ताजा
एनएचआरडीएफ रेड25-30100-1103-5 सेंटीमीटर बड़ा
एनएचआरडीएफ रेड-230-40100-120हल्का लाल रंग, आकर्षक आकार
एनएचआरडीएफ रेड-330-40110-130गोल आकार, उच्च भंडारण क्षमता
अर्का निकेतन32-34130-150खरीफ और रबी दोनों मौसम में

गन्ने और प्याज की सहफसली खेती कैसे करें

  1. भूमि का चयन: अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चयन करें।
  2. बुवाई का समय: गन्ने की बुवाई शरदकालीन मौसम में करें और प्याज को उसके साथ ही लगाएं।
  3. बीज का चयन: उपयुक्त किस्मों का चयन करें जो रोग प्रतिरोधी हों।
  4. सिंचाई: दोनों फसलों के लिए उचित सिंचाई व्यवस्था सुनिश्चित करें।
  5. खाद और उर्वरक: जैविक खाद का उपयोग करें जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।

उत्पादन क्षमता और आय

गन्ने के साथ प्याज उगाने से किसान प्रति हेक्टेयर लगभग 80 से 100 क्विंटल प्याज प्राप्त कर सकते हैं। यदि हम प्रति किलो प्याज की औसत कीमत ₹20 मानें, तो कुल आय लगभग ₹1,60,000 हो सकती है। वहीं गन्ने से भी अच्छी आय प्राप्त होती है, जिससे कुल आय दोगुनी हो जाती है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

  1. गन्ने के साथ प्याज क्यों उगाना चाहिए?
    • इससे भूमि और संसाधनों का अधिकतम उपयोग होता है और मुनाफा दोगुना होता है।
  2. प्याज की कौन-कौन सी किस्में गन्ने के साथ उगाई जा सकती हैं?
    • एग्री फाउंड, एनएचआरडीएफ रेड, एनएचआरडीएफ रेड-2, एनएचआरडीएफ रेड-3 और अर्का निकेतन।
  3. प्याज की खेती में लागत कितनी आती है?
    • औसतन प्रति हेक्टेयर ₹25,000 से ₹30,000 तक।
  4. क्या यह तकनीक पर्यावरण के अनुकूल है?
    • हाँ, यह तकनीक पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाती और मिट्टी की उर्वरता बनाए रखती है।

निष्कर्ष

गन्ने के साथ प्याज की सहफसली खेती एक लाभकारी तकनीक है जो किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाती है। यह न केवल उत्पादन बढ़ाने में मदद करती है बल्कि लागत कम करने में भी सहायक होती है। सही जानकारी और उचित प्रबंधन से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।

Disclaimer: यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए दी गई है। किसी भी कृषि योजना या कार्यक्रम में भाग लेने से पहले स्थानीय कृषि विशेषज्ञों या सरकारी अधिकारियों से सलाह अवश्य लें।

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